मई माह के आखिरी सप्ताह में सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने वित्त वर्ष 2019-20 (आकलन वर्ष 2020-21) के लिए नए संशोधित इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फॉर्म नोटिफाई किए. ये फॉर्म फाइनेंस एक्ट 2019 द्वारा किए गए संशोधनों के अनुरूप हैं. आयकर रिटर्न फॉर्म 7 प्रकार के होते हैं और अलग-अलग कैटेगरी के करदाताओं को उनकी कैटेगरी के लिए तय फॉर्म भरना होता है. ये कैटेगरी टैक्सपेयर के स्टेटस, आय की प्रकृति और थ्रेसहोल्ड लिमिट, कारोबार या व्यक्ति के काम की प्रकृति आदि के आधार पर तय होती है. हर करदाता को पता होना चाहिए कि उसे कौन सा ITR फॉर्म भरना है. आइए बताते हैं सभी 7 ITR फॉर्म के बारे में
ITR 1 सहज: यह फॉर्म उन नागरिकों के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख रुपये तक है; उन्हें सैलरी, एक हाउस प्रॉपर्टी व अन्य स्त्रोत जैसे ब्याज से आय प्राप्त होती है. साथ ही कृषि आय 5000 रुपये तक है (उन व्यक्तियों के लिए नहीं, जो या तो किसी कंपनी में निदेशक हैं या जिसने गैरसूचीबद्ध इक्विटी शेयरों में निवेश किया हुआ है).
ITR 2: यह फॉर्म उन व्यक्तियों व HUFs के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट से आय नहीं होती है लेकिन ITR 1 के लिए योग्य नहीं हैं.
ITR 3: यह उन व्यक्तियों व HUFs के लिए है, जिन्हें बिजनेस या प्रोफेशन से हुए प्रॉफिट से आय होती है लेकिन ITR 4 के लिए योग्य नहीं हैं.
ITR 4 सुगम: यह फॉर्म उन व्यक्तियों, HUFs व फर्म्स (LLP के अलावा) के लिए है, जिन्हें भारत के नागरिक के निवासी के तौर पर 50 लाख रुपये तक की कुल आय होती है और जिन्हें ऐसे बिजनेस व प्रोफेशन से आय होती है, जो आयकर कानून के सेक्शन 44AD, 44ADA या 44AE के तहत कंप्यूटेड हैं. कैपिटल गेन्स से आय पाने वाले ITR 4 का इस्तेमाल नहीं कर सकते.
ITR 5: व्यक्ति और HUF (ITR-1 से लेकर ITR 4 तक भरने वाले), कंपनी (ITR-6 भरने वाली) या चैरिटेबल ट्रस्ट/इंस्टीट्यूशंस (ITR-7 भरने वाले) से अलग टैक्सपेयर्स के लिए है. यानी ITR 5, ITR-4 के लिए योग्य पार्टनरशिप फर्म्स से अलग पार्टनरशिप फर्म्स के लिए, LLPs, एसोसिएशन ऑफ पर्सन्स, बॉडी ऑफ इंडीविजुअल्स आदि ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए है, जिनके लिए कोई और फॉर्म लागू नहीं होता है.
ITR 6: आयकर कानूनू के सेक्शन 11 के तहत एग्जेंप्शन क्लेम करने वाली कंपनियों से अलग कंपनियों के लिए.
ITR 7: कंपनियों समेत उन व्यक्तियों के लिए जिन्हें केवल 139(4A) या 139(4B) या 139(4C) या 139(4D) के तहत रिटर्न फर्निश करने की जरूरत है.